रक्षाबंधन के भारतीय संस्कृति क्या है महत्व जाने :-

रक्षाबंधन एक विशेष पर्व है जो भाई-बहन के बीच के रिश्ते को मनाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं और भाई अपनी बहनों की सुरक्षा का वचन देते हैं। यह त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है और एक दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को उजागर करता है।

रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और प्रिय पर्व है, जो भाई-बहन के रिश्ते की अनूठी और गहरी भावनाओं को सम्मानित करता है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो जुलाई और अगस्त के बीच आता है। रक्षाबंधन का नाम ही इस पर्व की भावना को व्यक्त करता है—’रक्षा’ का अर्थ है सुरक्षा और ‘बंधन’ का अर्थ है संबंध। इस प्रकार, रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच सुरक्षा और प्रेम के बंधन को मनाने का अवसर है।

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर एक विशेष राखी बांधती हैं। यह राखी एक पवित्र धागा होती है, जो बहन के प्रेम और शुभकामनाओं का प्रतीक होती है। राखी बांधने के बाद, बहन अपने भाई को मिठाई खिलाती है और उसकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती है। इसके बदले में, भाई अपनी बहन को उपहार देता है और उसकी रक्षा करने का वचन देता है। इस प्रकार, यह पर्व भाई-बहन के बीच के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है और परिवार की एकता को बढ़ावा देता है।

आधुनिक समय में, रक्षाबंधन के स्वरूप में बदलाव आया है। अब यह पर्व केवल पारंपरिक राखियों तक सीमित नहीं रह गया है; इसमें विभिन्न प्रकार की

डिज़ाइनर राखियाँ, उपहार और उत्सवों की विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हो गई हैं। इसके बावजूद, रक्षाबंधन का मूल भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व आज भी अटूट है।

रक्षाबंधन  की शुरुआत देवताओं और राक्षसों  से हुई जाने कैसे :-

इस त्योहार के पीछे एक सुंदर किंवदंती भी है। प्राचीन कथाओं के अनुसार, रक्षाबंधन की शुरुआत देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध से जुड़ी हुई है। एक बार, देवताओं की रानी इंद्राणी ने अपने पति इंद्रदेव की रक्षा के लिए एक पवित्र धागा बांधा था, जो उन्हें विजय प्राप्त करने में मददगार साबित हुआ। इसी प्रकार, बहनें भी अपने भाइयों को राखी बांधकर उनकी सफलता और सुरक्षा की कामना करती हैं।

रक्षाबंधन का त्यौहार केवल परिवार की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है; यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच प्रेम और सहयोग के महत्व को दर्शाता है और समाज में सामंजस्य और एकता को बढ़ावा देता है। रक्षाबंधन के अवसर पर, लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को भी राखी भेजते हैं, जो कि एक दूसरे के प्रति प्रेम और स्नेह को बढ़ाने का एक तरीका होता है।

आज 19 अगस्त 2024 का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार है :-

दोपहर     01:46pm  से   04:19pm तक का समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ मुहूर्त है. इस साल भाई को रक्षासूत्र सुबह के समय नहीं बांधें, क्योंकि सुबह से भद्रा पड़ रही है।

रक्षाबंधन का पर्व भारतीय परिवारों में विशेष रूप से मनाया जाता है, लेकिन इसके आयोजन का तरीका विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न हो सकता है। उत्तर भारत में यह पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे कुछ भिन्न रीतियों के साथ मनाया जाता है। हालांकि, सभी जगहों पर इस पर्व का मूल उद्देश्य एक ही होता है—भाई-बहन के रिश्ते को मान्यता और सम्मान प्रदान करना।

रक्षाबंधन के अवसर पर, परिवारों में प्यार और एकता की भावना को महसूस किया जाता है। यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को सम्मानित करता है, बल्कि समाज में आपसी प्रेम, सहयोग और एकता का संदेश भी फैलाता है। इस प्रकार, रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक अमूल्य हिस्सा है, जो परिवारों और समाज में गहरी भावनाओं और रिश्तों को संजोए रखने में मदद करता है।

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